गौरी पूजन की सम्पूर्ण जानकारी मुहूर्त और पूजा विधि सहित | शिवॉलजी


How to Perform Gauri Puja?

गौरी पूजा विधि

Puja Vidhi

1 min read



गौरी पूजा

माँ पार्वती भगवान शिव की अर्धांगिनी और भगवान गणेश की माता है। हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार विवाह के समय माँ पार्वती की पूजा करने का बहुत ही महत्व होता है। पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण “पार्वती” और अत्यंत गौरवर्ण होने की वजह से  “गौरी” कहलाई जाती है। माँ गौरी को सभी देवियों की स्वामिनी कहा जाता है। गौरी पूजा हर साल गणेश चतुर्थी के चौथे या पांचवें दिन होती है। इस दिन देवी पार्वती का आवाहन किया जाता है। गौरी पूजा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। देवी की पूजा करके उन्हें प्रसन्न करने से घर में खुशहाली आती है और धन-धान्य में बढोत्तरी होती है।

 

गौरी पूजा दिंनाक/मुहूर्त

इस साल गौरी पूजा 16 सितंबर 2018 को संपन्न की जाएगी। गौरी पूजा का मुहूर्त सुबह के 06:15 से लेकर शाम के 06:18 तक का है।

 

पूजा विधि

  • इस पूजा की शुरूआत भगवान गणेश की पूजा के साथ करनी चाहिए।
  • इसके बाद देवी पार्वती की पूजा शुरू करे और देवी पार्वती की मूर्ति भगवान शिव के बाएं ओर स्थापित करे।
  • अब माँ पार्वती का आवाहन करे और उसके बाद देवी का जल ओर पंचामृत से स्नान कराएं।
  • देवी पार्वती को वस्त्र और आभूषण पहनाएं। फिर कुमकुम, चावल, दीपक, धूपबत्ती, पुष्प आदि चीजें माँ को अर्पित  करें।
  • इसके बाद देवी पार्वती की कथा पढे और उसके बाद आरती करे।
  • माँ को प्रसाद के रूप में नारियल, मिठाई, पंचामृत, सूखे मेवे आदि का भोग लगाया जाता है।


Trending Articles



Get Detailed Consultation with Acharya Gagan
Discuss regarding all your concerns with Acharyaji over the call and get complete solution for your problem.


100% Secured Payment Methods

Shivology

Associated with Major Courier Partners

Shivology

We provide Spiritual Services Worldwide

Spiritual Services in USA, Canada, UK, Germany, Australia, France & many more