उत्तराकालामृत के अनुसार शुभ मंगल की दशा में जातक भू -संपदा, उत्कृष्ट विचार शक्ति, बुद्धि बल, तर्क कुशलता, शौर्य पराक्रम, धन, मान-सम्मान, शत्रुओं पर विजय तथा भाईयों का सहयोग प्राप्त होता है।
अशुभ मंगल की दशा में जातक वैर-विरोध, भ्रान्त धारणाएं, गलतफहमी, छोटे भाई-बहनों से क्लेश, धन-संपति की हानि तथा जलने कटने से घाव और पीड़ा पाता है।
बृहत्पराशर होरा शास्त्र के अनुसार मंगल की शुभ दशा बल, प्रभाव, प्रताप तथा पद-प्रतिष्ठता की वृद्वि करती है। जातक भू -संपदा, सत्तासुख, राजसम्मान तथा यश प्राप्त करता है। मंगल की अशुभ दशा रोग, दुर्बलता, धन हानि, पद-प्रतिष्ठा में कमी तथा विध्न और बाधाऐं प्रदान करता है।
जातक पारिजात के अनुसार मंगल की शुभ दशा में जातक शस्त्र धारण, अग्नि जनित कार्य और क्रूर कार्य से लाभ पाता है। मंगल की अशुभ दशा में जातक पित्त रोग, शत्रुबाधा, छोटे भाई-बहनों से मतभेद होता है।