उत्तरकाल अमृत के अनुसार राहु की शुभ दशा में जातक सभी प्रकार के शुभ परिणाम प्राप्त करता है | उसे धन, मान सम्मान तथा मनवांछित वस्तुओ की प्राप्ति होती है | जातक को पद प्रतिष्ठा प्राप्त होती है | वह धार्मिक कार्यो में संलग्न रहता है | उसके बल व प्रभाव में वृद्धि होती है |
राहु की अशुभ दशा में इन्फेक्शन सम्बन्धी बीमारियां हो सकती है | जातक भ्रमित रहता है और सही ढंग से अपने फैसले नहीं ले पाता | उसे मित्र और सम्बन्धियों से धोखा प्राप्त होता है | जातक को किसी न किसी बात का वहम बना रहता है | कार्य बनते बनते बिगड़ने लग जाते है | व्यवसाय में नुकसान होता है |
भाव प्रकाश के अनुसार लग्नस्थ राहु जातक को धन, सम्पदा, सम्मान, बड़े बुजुर्गो का आशीर्वाद और समाज के प्रतिष्ठ लोगो के साथ उठने बैठने का मौका देता है |