उत्तरकाल अमृत के अनुसार केतु की शुभ दशा में जातक को जोखिम भरे कार्यो में सफलता प्राप्त होती है | सरकार से जुड़े लोगो को धन व मान प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है | उन्हे शत्रुओ पर विजय प्राप्त होती है |
केतु की अशुभ दशा में जातक अनेक विपतियो में घिर कर बहुत कष्ट और दुख पाता है | उसके सभी प्रकार के प्रयत्न व प्रयास निष्फल हो जाते है | जातक अंतर्मुखी हो जाता है जिसकी वजह से उसे लोगो से मिलने जुलने में झिझक होती है| जातक व्यर्थ के अलाभकारी कार्यो में धन, समय, और शक्ति का अपव्यय करता है | मतिभ्रम के कारण आर्थिकं व सामाजिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है |
जातक पारिजात के अनुसार केतु की अशुभ दशा जातक को भाग्य के हाथो की कठपुतली बना देती है | उसके कार्य बनते बनते बिगड़ने लग जाते है |
इसके विपरीत शुभ केतु की दशा जातक को स्वास्थ्य, सम्मान, सुख और लाभ प्राप्त होता है |