उत्तरकाल अमृत के अनुसार:
सौम्योत्कृष्टदशा करोति वसनानन्तार्थधान्योच्छ्य
श्रेयः सौख्यगृहस्वबन्धुविजय प्राप्तीष्टस्त्वागमान् ।।
बोध्या पापदशा विदेशगमनक्रोधस्वबन्धुक्षय-
प्रज्ञाहीनवाणिग्जनातिंकलहक्षेत्रार्थनाशापदः ।
बुध की शुभ दशा में जातक को नए वस्त्र, सम्पदा, धन धान्य में वृद्धि, सुख वैभव, पद प्रतिष्ठा, घर परिवार तथा सम्बन्धियों का सुख प्राप्त होता है |
बुध की अशुभ दशा में जातक घर परिवार से दूर विदेश में रहता है | वह चिड़चिड़ा रहता है | उसे अपने फैसले लेने में परेशानियां आती है | उसके व्यापार में परेशानियां आती है | जातक व्यर्थ की विपतियो में फंसा रहता है |
होरासार के अनुसार बुध की शुभ दशा में जातक अध्ययन द्वारा विद्या बांटता है | उसे अपने प्रियजन का स्नेह प्राप्त होता है और वह अपने से छोटो को स्नेह बाटता है| वह टी.वी, संगीत, या कलात्मक कार्यो के द्वारा धन और यश पाता है | वह विद्वान और प्रभावशाली वक्ता होता है | बुध की अशुभ दशा में जातक वात, पित और कफ सम्बंधित बीमारियों से पीड़ित रहता है | वह पत्नी तथा संतान के सुख में कमी पाता है |
भाव प्रकाश के अनुसार बुध की शुभ दशा सत्ता सुख, वाहन सुख, भू-सम्पदा लाभ, दांपत्य सुख, मित्रो के साथ मनोरंजन तथा कीर्ति विस्तार देती है|