उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का स्वामी सूर्य ग्रह और नक्षत्र देवता अर्यमा है। आकाश मंडल में उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का 12वां स्थान है। उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के प्रतीक एक चारपाई के पिछले दो पाए हैं, जो कि विश्राम तथा कायाकल्प को दर्शाते हैं। लेकिन यह नक्षत्र पूर्वाफाल्गुनी से थोड़ा कम आरामदेह है।
उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में जन्म लेने वाला व्यक्ति युद्ध विद्या में निपुण, लड़ाकू तथा साहसी होते है। देश और समाज में अपने रौब वाले व्यक्तित्व के कारण पहचाने जाते हैं। इनमें नेतृत्व के गुण जन्म से ही होते हैं, इसलिए यह अपना कार्य करने में खुद ही सक्षम होते हैं। इस नक्षत्र के व्यक्ति दूसरों के इशारों पर चलना बिल्कुल पसंद नहीं करते है। यह लोग सिंह की भांति अकेले ही अपना शिकार स्वयं करते हैं।
इस नक्षत्र के लोग आत्मनिर्भर, स्वतंत्र तथा समाज में अपना मार्ग स्वयं बनाने का प्रयास करते हैं। इस नक्षत्र में एक क्रूर और कठोर ऊर्जा हो सकती है, लेकिन यह तीव्र सम्मान और संतुलन प्रदान करती है। उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र दया और मित्रता से संबंधित नक्षत्र है। ये अपने दोस्तों के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। मित्रों की सहायता करने तथा उनसे सहायता लेने में कभी भी संकोच नहीं करते हैं। इस नक्षत्र के लोग दोस्तों को बहुत महत्व देते हैं।
उत्तराफाल्गुनी जातक आर्थिक रूप से सामर्थ्यवान होते हैं, दृढ़विश्वास और लगन के साथ अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए उत्सुक रहते हैं। भविष्य की योजना बनाने और रणनीति तैयार करने में इनका जवाब नहीं होता है और अपने इसी गुण के कारण अगर आप राजनीति में जाते हैं तो इन्हे सफलता मिल सकती हैं।
इस नक्षत्र के जातक की वाणी प्रभावशाली और ज्ञानयुक्त होती है। इनको हमेशा सत्यनिष्ठ तथा सादगीपूर्ण जीवन जीने में आनंद मिलता है। दूसरों की भलाई के लिए ये हमेशा अपने धन-वैभव और अधिकार का प्रयोग करने से भी नहीं चूकते है।