पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र का स्वामी शुक्र ग्रह है। इस नक्षत्र के अधिपति आनंद के देवता भग हैं, जो स्नेह और यौन अनुराग प्रदान करते हैं। आकाश मंडल में पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र का 11वां स्थान है। 'पूर्वाफाल्गुनी' का शाब्दिक अर्थ है- 'पहले आने वाला लाल रंग'। पूर्वाफाल्गुनी के प्रतीक एक चारपाई के अगले दो पाए हैं, जो आराम, कायाकल्प तथा आनंद को दर्शाते हैं। पूर्वाफाल्गुनी समस्त नक्षत्रों में सबसे अधिक नाटकीय तथा लापरवाह है।
इस नक्षत्र के व्यक्ति को इस बात को लेकर उलझन होती हैं कि नौकरी करना बेहतर है या व्यवसाय, तो एक बार अपनी कुण्डली उठाकर जरूर देख लीजिए। आपकी कुण्डली में अगर यह लिखा है कि आपका जन्म पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में हुआ है, तो समझ लीजिए कि आपके लिए नौकरी से ज्यादा व्यवसाय करना फलदायी होगा।
पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के जातक वाद-विवाद में पड़ने की बजाय समस्या का समाधान बातों से निकालने की कोशिश करते हैं। लेकिन जब इससे बात नहीं बनती है, तब इनका उग्र रूप सामने आता है। यह लोग संगीत, कला तथा साहित्य के अच्छे जानकार होते हैं, क्योंकि इन विषयों के प्रति बचपन से ही इनमें रुचि होती है और इनकी विचारधारा शांत होती है। इन्हें नैतिकता और सच्चाई के रास्ते पर चलकर जीवन जीना पसंद होता है।
इस नक्षत्र में जन्में व्यक्ति के जीवन में प्रेम का विशेष महत्व होता है और इसे ही अपने जीवन का आधार मानते हैं। इसी प्रेम प्रसंग के कारण हमेशा चर्चा में रहते हैं। बारह आदित्यों में से भग को इस नक्षत्र का अधिपति माना गया है। भग और शुक्र दोनों ही भौतिक सुख तथा वैभव के प्रतीक माने जाते हैं। इसी वजह से पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में जन्में व्यक्ति अधिक से अधिक भौतिक सुख-सुविधाएं पाने की कोशिश करते हैं। इस नक्षत्र के व्यक्ति कला और साहित्य में रूचि रखते हैं। आराम करना इन्हें बहुत पसंद होता है। इनका सामाजिक दायरा बड़ा होता है, क्योंकि नए-नए लोगों से दोस्ती करना इनका शौक होता है।