पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का स्वामी ग्रह शुक्र और नक्षत्र देवता अप: (जल के देवता) है। आकाश मंडल में पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का स्थान 20वां है। 'पूर्वाषाढ़ा' का अर्थ 'विजय से पूर्व' है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, हाथ के पंखे को पूर्वाषाढ़ नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह माना गया है, जो अपने विभिन्न उपयोगों के माध्यम से विभिन्न प्रकार की विशेषताएं प्रदर्शित करता है।
इस नक्षत्र के देवता अप: है, जिसके कारण अप: के चरित्र की बहुत सी विशेषताएं इस नक्षत्र के माध्यम से प्रदर्शित होती हैं। अप: की रहस्यमयी और गुप्त रहने जैसी विशेषताएं है, जिनके चलते इस नक्षत्र के प्रबल प्रभाव में आने वाले जातक रहस्यमयी, गुप्त और भेद को छिपाने वाले होते हैं।
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के जातक महत्वाकांक्षी और स्वाभिमानी होते हैं। यह काफी बुद्धिमान होते हैं, इसलिए शिक्षा के क्षेत्र में इनका प्रदर्शन प्रशंसनीय होता है। दोस्तों और शिक्षकों की नज़रों में यह सम्मान पाते हैं। रहस्यमयी विषयों में इनकी विशेष रूचि होती है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति विनम्र और ईमानदार होते हैं। साहित्य और कला जैसे विषयों में इनकी रूचि होती है। इस नक्षत्र के लोगों को झूठ से सख़्त नफ़रत होती है, क्योंकि ये स्वयं सत्य बोलने पर विश्वास करते हैं और अपनी बात भी स्पष्ट रूप से कहते हैं।
इस नक्षत्र में जन्में पुरूष बड़े ही साहसी और आशावादी होते हैं। मुश्किल परिस्थितियों में उम्मीद का दामन नहीं छोड़ते हैं और अपने प्रयासों के कारण किसी भी समस्या से निकलने में इन्हें कामयाबी भी मिलती है। साथ ही पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में जन्मी महिलाओं के विषय में कहा जाता है, कि इनका रंग गोरा होता है और यह दिखने में बहुत सुंदर होती हैं, साथ ही इनकी आँखें आकर्षक होती हैं। इनकी बुद्धि प्रखर होती है और जीवन के प्रति इनका दृष्टिकोण सकारात्मक होता है। यह हर पल को आनंदपूर्वक व्यतीत करती हैं। परिवार एवं पति से इनका विशेष प्रेम होता है, इसलिए इनका दांपत्य जीवन सुखमय होता है।