अनुराधा नक्षत्र
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, अनुराधा नक्षत्र का स्वामी ग्रह शनि और नक्षत्र देवता मित्र है। आकाश मंडल में अनुराधा नक्षत्र को 17वां नक्षत्र माना जाता है। अनुराधा अर्थ से तात्पर्य है, राधा का अनुगमन करने वाले। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, कमल के फूल को भी अनुराधा नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह माना गया है। कमल के फूल को देवी सरस्वती का आसन माना जाता है और इसलिए कमल के फूल को विद्या, ज्ञान, प्रकाश तथा शुभता के साथ जोड़ा जाता है। कमल के फूल की ये सारी विशेषताएं अनुराधा नक्षत्र के माध्यम से प्रदर्शित होती हैं। वैदिक ज्योतिष में अनुराधा को एक शुभ नक्षत्र माना जाता है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, देवी सरस्वती को भी अनुराधा नक्षत्र की देवी के रूप में जाना जाता है। देवी सरस्वती के चरित्र की कुछ विशेषताएं जैसे कि संगीत, कला, प्रत्येक प्रकार की विद्या और ज्ञान को सीखने की क्षमता आदि भी इस नक्षत्र के माध्यम से प्रदर्शित होती हैं। इस नक्षत्र में जन्में व्यक्ति मित्र बनाने की प्रवृति के होते है और जरूरत पड़ने पर दोस्तों की मदद भी करते हैं। इसका कारण यह है कि इस नक्षत्र के देवता मित्र देव हैं, जो बारह आदित्यों में से एक माने जाते हैं।
अनुराधा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति बहुत मेहनती और लक्ष्य के प्रति गंभीर होते है। इसी वजह से ये लोग कठिनाईयों पर विजय प्राप्त करते हैं और लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते जाते हैं। इस नक्षत्र में जन्मी महिलाएं खाने की बहुत शौक़ीन होती हैं और सामान्य से अधिक भोजन करने और पचाने में सक्षम होती है। स्वभाव से भ्रमणशील परन्तु झगडालू प्रवृत्ति होने के कारण कभी-कभी क्रूरतापूर्वक व्यवहार भी कर बैठते हैं।
अनुराधा नक्षत्र के जातक दयावान, ईश्वर के प्रति आस्था और आदर्शवादी होते हैं। इस नक्षत्र के व्यक्ति समाज में मान-सम्मान प्राप्त करते है। ये लोग विदेश में रहकर अच्छा लाभ प्राप्त करते हैं। यह रचनात्मक होते हैं और शत्रुओं को हराना भी जानते हैं। अनुराधा नक्षत्र के व्यक्ति बहुत आकर्षक और उदार व्यक्तित्व के होते है।