गोधूलि जैसा की नाम से ही साफ़ है कि गोधूलि अर्थात् गाय के पैरों से उड़ती हुई धूल। जिस समय सूर्यास्त नहीं हुआ हो या सूर्यास्त होने वाला हो, गाय आदि पशु अपने घरों की तरफ वापस लौट रहे हों और उनके खुरों से उड़ने वाली धूल प्रदूषित वायुमंडल को स्वच्छ करती है तो उस समय को गोधूलि मुहूर्त कहा जाता है।
What is Godhuli Lagna ?
ज्योतिष के अनुसार गोधूलि लग्न वो होता है कि सूर्योदय के समय जो राशि लग्न में होती है उससे सातवीं राशि जो भी हो उसे ही गोधूलि लग्न कहा जाता है। इस मुहूर्त को सभी कार्यो के लिए शुभ माना गया है। गोधूलि मुहूर्त में अनेक दोषो का विचार नही किया जाता है। यही कारण है की इसे शुभ माना जाता है, जैसे गोधूलि लग्न में नक्षत्र, तिथि, करण, वार, नवांश, योग, मुहूर्त, आठवें भाव में बैठे ग्रह और जामित्र दोष आदि के बारे में विचार नहीं किया जाता है। इस गोधूलि लग्न में चंद्रमा दूसरे, तीसरे, ग्यारहवें, भाव में होने की वजह से इसे शुभ माना जाता है।
Benefits of Godhuli Muhurat 2018
गोधूलि मुहूर्त में किसी भी मांगलिक कार्य को करना प्रशस्त माना गया है। जब विवाह मुहूर्त वाले दिन कोई शुभ लग्न प्राप्त नहीं हो रहा तो ऐसी स्थिति में गोधूलि मुहूर्त में विवाह संपन्न करने का निर्देश है।
गोधूलि लग्न में विवाह सम्बन्धी सभी दोषो को नष्ट करने की शक्ति होती है।
इस मुहूर्त में चंद्र दोष को छोड़कर अन्य सारे दोष शांत हो जाते है।