यदि कोई शुभ कार्य करने के लिए मुहूर्त नहीं मिल रहा हो या किसी कार्य को शीघ्र ही शुरू करना हो तो शुभ मुहूर्त देखने के लिए चौघड़िया मुहूर्त का उपयोग किया जाता है। पारंपरिक रूप से चौघड़िया का प्रयोग यात्रा के मुहूर्त के लिए किया जाता है। चौघड़िया मुहूर्त सूर्योदय पर आधारित होता है। इसी वजह से हर शहर में इसके समय में बदलाव आता रहता है।
What is Choghadia ?
सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच के समय को चौघड़िया कहते है। साथ ही सूर्यास्त और अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को रात का चौघड़िया कहते है। इसके अनुसार 12 घंटे के दिन और 12 घंटे की रात में 1.30 घंटे का एक चौघड़िया होता है।
How to Know Choghadia Muhurat ?
चौघडिया मुहूर्त को जानने के लिए 24 घण्टों को 16 घटियों में विभाजित किया जाता है। एक घडी करीब 22 मिनट 20 सैकेन्ड की होती है। एक मुहूर्त में चार घडियां चुन ली जाती है। इसका नाम “चौघडी” चार घटियों से ही रखा गया है। इस तरह दिन में 08 मुहूर्त और रात में 08 मुहूर्त होते हैं। चौघड़िया में प्रत्येक मुहुर्त 1.30 घण्टे का होता है। चौघड़िया को मुहूर्त निकालने का सबसे आसान तरीका माना जाता है। यही वजह है की आज चौघड़िया का महत्व बढ़ गया है। हर सप्ताह में दिन -रात को मिलाकर कुल 112 मुहूर्त बनते हैं।
Types of Choghadia
चौघड़िया मुहूर्त मुख्य रूप से 7 तरह के होते है जो अमृत, शुभ, लाभ,चर, रोग, काल और उद्वेग है। इसमें अमृत, शुभ, लाभ और चर को शुभ चौघड़िया माना जाता है और उदवेग, काल एवं रोग को अशुभ चौघड़िया माना गया है। ऐसा कहा जाता है की अमृ्त समय में पूजा या समारोह करने से यह शुभ फल देता है। लाभ समय में क्रय-विक्रय के कार्य, चर और शुभ समय में गतिशील वस्तुएं की खरीदारी के लिए इन मुहूर्त का प्रयोग किया जा सकता है। इस तरह रोग के समय में यात्रा की शुरुआत करना अशुभ माना गया है।
अब आप कोई भी शुभ कार्य करने से पहले चौघड़िया मुहूर्त जान सकते है। चौघड़िया मुहूर्त की अधिक जानकारी के लिए आप हमें कॉल कर सकते है।