हिंदू धर्म में धन्वन्तरी को देवताओं के वैद्य कहा गया है। भगवान धन्वन्तरी महान चिकित्सक और आयुर्वेद शास्त्र के देवता माने जाते है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार धनतेरस का त्यौहार भगवान धन्वन्तरी को समर्पित होता है और यह भगवान विष्णु के अवतार है। इनका अवतरण समुंद्र मंथन के समय हुआ था। इनकी पूजा दिवाली से दो दिन पहले यानि धनतेरस पर की जाती है। भगवान धन्वन्तरी आरोग्य, सेहत, आयु और तेज का आशीर्वाद प्रदान करते है।
हिन्दू धर्म में अन्य हवनो की अपेक्षा धन्वन्तरी हवन अधिक फायदेमंद माना जाता है और किसी भी प्रकार की गंभीर बीमारी से राहत पाने के लिए सबसे अच्छा उपाय है। इस हवन में भगवान धन्वन्तरी का आह्वान करके अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना की जाती है। यह अनुष्ठान स्वास्थ्य संबंधी विकारों के खिलाफ एक सुरक्षात्मक ढाल के रूप में काम करता है। धन्वन्तरी हवन को एकादशी के दिन सम्पन्न किया जाता है।
धन्वन्तरी हवन के लाभ
- इस हवन के द्वारा शारीरिक और मानसिक समस्याओं से निजात मिलती है।
- धन्वन्तरी हवन स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए एक वरदान के रूप में काम करता है।
- धन्वन्तरी हवन आपको एक खुशहाल और शांतिपूर्ण जीवन जीने में मदद करता है।
- इस हवन के सम्पन्न होने से आपके घर के आस-पास मौजूद नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक शक्ति का संचार होता है।
- इस हवन द्वारा अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है।
- इस हवन को सम्पन्न करने से आप लम्बी आयु और स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद प्राप्त करते है।
धन्वन्तरी हवन को सम्पन्न करवाने से आपके जीवन में सभी समस्याओं का अंत हो जाता है और खुशहाल जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है।