कालाष्टमी को भारत में श्रद्धाभाव के साथ मनाया जाता है। ऐसा माना जाता हैं की इस दिन भगवान शिव के अवतार काल भैरव की पूजा की जाती है तथा व्रत रखा जाता है। कालाष्टमी पर इस व्रत को रखना बहुत शुभ माना जाता हैं।
कब है कालाष्टमी?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है। मार्गशीर्ष के महीने में आने वाली कालाष्टमी को सबसे प्रमुख कालाष्टमी माना जाता है। इसी अष्टमी को काल भैरव जयंती के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव ने स्वयं को काल भैरव के रूप में प्रकट किया था। कालभैरव जयंती को भैरव अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है।
क्यों मनाई जाती है कालाष्टमी?
शास्त्रों में ऐसी मान्यता है की एक दिन भगवान ब्रह्मा और विष्णु के बीच सर्वश्रेष्ठ होने का विवाद उत्पन्न हुआ। सभी देवताओं और मुनियों की आपसी सहमति से शिवजी को सर्वश्रेष्ठ माना गया। लेकिन ब्रह्मा जी इससे असहमत थे और वह शिव जी का अपमान करने लगे। अंत में शिव जी को क्रोध आ गया जिससे रुद्रावतार कालभैरव का जन्म हुआ। उसी दिन से कालाष्टमी को कालभैरव के जन्मदिन के रूप में मनाया जाने लगा।
2018 में कब है कालाष्टमी व्रत
04 अगस्त शनिवार कालाष्टमी
02-सितम्बर रविवार कालाष्टमी
02-अक्टूबर मंगलवार कालाष्टमी
31-अक्टूबर बुधवार कालाष्टमी
29-नवंबर गुरूवार कालभैरव जयंती
29-दिसंबर शनिवार कालाष्टमी