धनतेरस का त्यौहार कार्तिक महीने केकृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस दिन लोग भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं और यम देवकी पूजा के साथ दीपदान किया जाता हैं।
धनतेरस को धनत्रयोदशी भी कहा जाता है। धनतेरस का पर्व आयुर्वेद के देवता धन्वंतरिके जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है।
देशभर मेंधनतेरस का त्यौहार श्रद्धाभाव के साथ मनाया जाता है। इस दिन समुद्र मंथन से अमृत का कलश लेकर भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे, इसलिए इसे धनतेरस के नाम से जाना जाता है।
धनतेरस की पूजा कैसे करें?
- सबसे पहले मिट्टी का हाथी और भगवान कुबेर, धन्वंतरि और माता लक्ष्मी कीमूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- इनके सामने एक मुख वाला घी का दिया जलाएं।
- भगवान कुबेर को सफेद मिठाई और धन्वंतरि जी को पीली मिठाई का भोग लगाएं।
- फिर "ॐ ह्रीं कुबेराय नमः" का जाप करें।
- इसके बाद " धन्वंतरि स्तोत्र" का पाठ करें।
- धन्वंतरि जी की पूजा करने के बाद भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करना अनिवार्य है।
- भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के सामने दीप और धूप जलाकर उनकी पूजा करें और भगवान के चरणों में फूल चढ़ाएं और मिठाई का भोग लगाएं।
- इसके बाद प्रसाद को घर के सदस्य में बांट कर स्वयं ग्रहण करें।