ज्योतिष की अनेक विद्याओं में से अंक ज्योतिष एक श्रेष्ट और सटीक ज्योतिष विद्या है| इस विद्या के द्वारा अंको के माध्यम से व्यक्ति के बारे में एवं उसके भविष्य को जानने का प्रयास किया जाता है | जीवन का पहला मापदंड अंक है, क्योंकि जीवन में जो कुछ भी हुआ है, हो रहा है या होगा उसे बताने के लिए अंको का सहारा लेना ही पड़ता है|
हमारा पूरा जीवन ही अंको पर आधारित है उदाहरणतः एक व्यक्ति की जन्म तारीख उसके जीवन का महत्वपूर्ण भाग बन जाती है | यह वही दिन होगा जो उसे सब से प्रिय होगा | हर साल इस दिन को वो उत्सव की तरह मनाएगा | अगर हम ध्यान से सोचे तो पाएंगे की व्यक्ति का प्रत्येक वर्ष अंको में आँका जाता है | जैसे उसने कब पढाई पूरी की, वो कब कितने साल का हुआ, कब उसने नौकरी की, कब उसकी शादी हुई | जीवन में आप की महत्वपूर्ण चीज़े जिनका आप रोज उपयोग करते है वह भी आप अंको में बयां करते है जैसे आप के मकान का नंबर, आपके वाहन का नंबर आदि |
अंको का एक विशेष क्रम है तथा उसकी चाल निश्चित है | अंक शास्त्र में भी नौ ग्रहों सूर्य, चन्द्र, गुरू, यूरेनस, बुध, शुक्र, वरूण, शनि और मंगल को आधार बनाकर उनकी विशेषताओं के आधार पर गणना की जाती है| अंक शास्त्र में प्रत्येक ग्रह के लिए 1 से लेकर 9 तक एक अंक निर्धारित किया गया है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि कौन से ग्रह पर किस अंक का असर होता है और यही नौ ग्रह मनुष्य के जीवन पर अपना असर डालते हैं | जन्म के समय जो मनुष्य जिस तारीख को पैदा होता है , उसी के अनुसार उस व्यक्ति का व्यक्तित्व निर्धारित हो जाता है. इसलिए, जन्म के पश्चात व्यक्ति पर उसी अंक और उस अंक के स्वामी का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है | यदि एक व्यक्ति का अंक किसी दूसरे व्यक्ति के अंक के साथ मेल खा रहा हो तो दोनों व्यक्तियों के मध्य एक अच्छा संबंध बनता है |